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बुधवार, 26 जनवरी 2022

सुभाषितम्

        अद्यतनसुभाषितानि

न कश्चिदपि जानाति किं कस्य श्वो भविष्यति।

अतः श्वः करणीयानि कुर्यादद्यैव बुद्धिमान्।।

अर्थात् कोई नहीं जानता कल किसका क्या होगा? अतः कल करने योग्यं कार्यों को बुद्धिमान् व्यक्ति आज ही करें।

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अद्यतन-सूक्ति

  "सूर्यवत् उद्भासितुम् इच्छति चेत् तत् वत् तपेत् आद्यम्" अर्थात् (यदि आप) सूर्य के समान चमकना चाहते हैं तो सूर्य के समान तपना सीखिए।