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गुरुवार, 13 जनवरी 2022

सुभाषितम्

          अद्यतनसुभाषितम्

            अयं निजः परो वेति गणना लघुचेतसाम्।

            ‌‌उदारचरितानां तु वसुधैव कुटुम्बकम्।।

अर्थात् यह मेरा है,यह पराया है,इस प्रकार की गणनाएं तो छोटे मन वाले लोग करते हैं,उदार चित्त वाले व्यक्तियों के लिए तो सारी पृथ्वी ही परिवार है।

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अद्यतन-सूक्ति

  "सूर्यवत् उद्भासितुम् इच्छति चेत् तत् वत् तपेत् आद्यम्" अर्थात् (यदि आप) सूर्य के समान चमकना चाहते हैं तो सूर्य के समान तपना सीखिए।