गोदावर्याः प्रवाहो विलसति यदुदक्पाश्वती योजनैकं
प्रादुर्भावाऽऽतमभूत्याऽनिशजनितमहे शीलधी क्षेत्रधाम्नि।
सर्वजातीयवंदैर्विविधजनपदादागतैः स्तूयमानः
पूर्णब्रह्मैव साक्षाद्विजयति भुवनं पावयन् सांईनाथः ।।
अर्थात् गोदावरी के सुन्दर प्रवाह के पालन एक योजन की दूरी पर श्री साईंनाथ ने मानवता के कल्याण हेतु आविर्भूत होकर अपनी विभूति के द्वारा महिमाशाली शीलधि क्षेत्र को धाम बनाया। विविध स्थानों से आए हुए सर्वजाति के लोगों के द्वारा स्तुति किए जाने वाले साक्षात् पूर्णब्रह्म रूप साईंनाथ,जो सम्पूर्ण संसार को पावन करते हैं, उनकी जय हो।
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Jai sai baba ki 🙏🏻❤️
जवाब देंहटाएंOm Sai ram
जवाब देंहटाएंJai Sai Ram
जवाब देंहटाएंJai said baba ki
जवाब देंहटाएं🙏🏻♥️
जवाब देंहटाएंJai sai ram
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