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शनिवार, 4 फ़रवरी 2023

अद्यतनसुभाषितम्

 

          अद्यतनसुभाषितम्      

उपकारिषु यः साधुः साधुत्वे तस्य को गुणः। 

उपकारिषु यः साधुः स साधुरिति कीर्तितः।।

अर्थात् उपकार करने वाले के साथ जो सज्जनता से व्यवहार करता है उसकी सज्जनता का क्या अर्थ है?जो अपकार करने वाले के साथ भी सज्जनता से व्यवहार करता है वहीं सज्जन (साधु) है। 

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अद्यतन-सूक्ति

  "सूर्यवत् उद्भासितुम् इच्छति चेत् तत् वत् तपेत् आद्यम्" अर्थात् (यदि आप) सूर्य के समान चमकना चाहते हैं तो सूर्य के समान तपना सीखिए।