पानी अपनी इच्छा से काम नहीं करता है। माली इसको जिस पौधे पर डाल देता है,वहाँ जाता है, माली जिधर बहाता है,उधर बहता है। हमें अपना जीवन पानी की तरह बना लेना चाहिए। *अपनी सब कामनाओं व समस्याओं को मालीरूपी भगवान के हाथों सौंप कर निश्चिन्त हो जाना चाहिए।*
जयश्रीमन्नारायण