संस्कृत भाषा भारत की आत्मा के रूप में ,प्राण के रूप में धर्म एवं संस्कृति हैं। अनादिकाल से संस्कृत ही संस्कृति की वाहिका है।अतः संस्कृत हमारी सांस्कृतिक भाषा है।
Followers
सदस्यता लें
टिप्पणियाँ भेजें (Atom)
अद्यतन-सूक्ति
"सूर्यवत् उद्भासितुम् इच्छति चेत् तत् वत् तपेत् आद्यम्" अर्थात् (यदि आप) सूर्य के समान चमकना चाहते हैं तो सूर्य के समान तपना सीखिए।
-
अभ्यासप्रश्नपत्रानुसारम् कक्षा - षष्ठी तःअष्टमी पर्यन्तं खण्ड-क (अपठित-अवबोधनम्)-(8अङ्काः) प्रश्न 1.अधोलिख...
-
"सूर्यवत् उद्भासितुम् इच्छति चेत् तत् वत् तपेत् आद्यम्" अर्थात् (यदि आप) सूर्य के समान चमकना चाहते हैं तो सूर्य के समान तपना सीखिए।
-
प्रश्न 4. अधोलिखितानां वाक्यानां संस्कृतेन अनुवादं कुरुत । 1. मोर वन में नाचता है। The peacock dance in the forest. 2. हर्ष प्रतिदिन विद्य...
Om Sai Ram🌹🌹
जवाब देंहटाएं🙏🙏💐💐
जवाब देंहटाएंOm sai ram
हटाएंOm sai ram 🙏🏻🙏🏻
जवाब देंहटाएं🙏🙏💐💐
जवाब देंहटाएं🙏🙏💐💐
जवाब देंहटाएं