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शुक्रवार, 17 जून 2022

सुभाषितम्

 



       अद्यतनं सुभाषितम् 


        न किञ्चित् सहसा कार्यं कार्यं कार्यविदा क्वचित्।
        क्रियेत चेत् विविच्यैव तस्य श्रेयः करस्थितम्।।

         अर्थात् विद्वान् व्यक्ति को कोई भी काम अचानक नहीं करना चाहिए।यदि कोई भली प्रकार सोचकर कार्य करता है,तो सफलता उसके हाथ में रहती है।

1 टिप्पणी:

अद्यतन-सूक्ति

  "सूर्यवत् उद्भासितुम् इच्छति चेत् तत् वत् तपेत् आद्यम्" अर्थात् (यदि आप) सूर्य के समान चमकना चाहते हैं तो सूर्य के समान तपना सीखिए।