संस्कृत भाषा भारत की आत्मा के रूप में ,प्राण के रूप में धर्म एवं संस्कृति हैं। अनादिकाल से संस्कृत ही संस्कृति की वाहिका है।अतः संस्कृत हमारी सांस्कृतिक भाषा है।
Followers
शनिवार, 8 अक्तूबर 2022
सुभाषितम्
जाड्यं धियो हरति सिंचति वाचि सत्यं ,
मानोन्नतिं दिशति पापमपाकरोति ।
चेतः प्रसादयति दिक्षु तनोति कीर्तिं ,
सत्संगतिः कथय किं न करोति पुंसाम् ।।
अर्थात् सज्जनों की संगति बुद्धि की जड़ता को दूर करती है, वाणी में सत्य सींचती है अर्थात् सच बोलना सिखाती है।सम्मान-प्रतिष्ठा उन्नति करती है और सभी दिशाओं में कीर्ति फैलाती है।बताओ सत्सङ्गति मनुष्यों का क्या उपकार नहीं करती अर्थात् सब कुछ करती है।
अकारान्त-पुंल्लिङ्ग -शब्दाः
शब्दार्थाः
चषकः (गिलास)
सौचिकः (दर्जी)
बलिवर्दः (बैल)
शुनकः(कुत्ता)
स्यूतः (बैग)
वृद्धः (बूढ़ा पुरुष)
मण्डूकः (मेंढक)
काकः (कौआ)
भल्लूकः(भालू)
वृषभः (बैल)
गजः (हाथी)
शिक्षकः (अध्यापक)
मूषकः (चूहा)
मकरः (मगरमच्छ)
घटः (घड़ा)
अश्वः (घोड़ा)
बालकः ( लड़का)
चालकः (ड्राइवर)
शुकः(तोता)
चन्द्रः (चन्द्रमा)
प्रथमः पाठः- शब्दपरिचयः -1
(अकारान्त-पुंल्लिंगः)
अकारान्त का अर्थ है- अकार ("अ "वर्ण) है अन्त में जिसके । वे शब्द जिनके अन्त में "अ" वर्ण (अकार)आता है, अकारान्त पुंल्लिङ्ग शब्द कहलाते हैं । जैसे -
राम - र्+आ+म्+अ (अन्तिम वर्ण "अ"है)
अतः "राम" शब्द पुंल्लिङ्ग शब्द है।इसी प्रकार, श्याम,अनुज,मयूर,काक,पिक इत्यादि को भी समझना चाहिए।
उदाहरणानि
शुक्रवार, 7 अक्तूबर 2022
बुधवार, 5 अक्तूबर 2022
शुभ दशहरा
धर्म एव हतो हन्ति धर्मो रक्षति रक्षितः।
तस्माद्धर्मो न हन्तव्यो मा नो धर्मो हतोऽवधीत्।।
👍👍👍👍👍👍👍👍👍👍
धर्म उसका नाश करता है जो उसका (धर्म का)नाश करता है। धर्म उसका रक्षण करता है जो उसके रक्षणार्थ प्रयास करता है। अतः धर्मका नाश नहीं करना चाहिए। धर्म का नाश करने वाले का नाश,अवश्यंभावी है।
🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏
अधर्म पर धर्म की विजय के पर्व विजय दशमी की हार्दिक शुभकामनाएं।
💐💐💐💐💐💐💐💐💐💐
सदस्यता लें
संदेश (Atom)
अद्यतन-सूक्ति
"सूर्यवत् उद्भासितुम् इच्छति चेत् तत् वत् तपेत् आद्यम्" अर्थात् (यदि आप) सूर्य के समान चमकना चाहते हैं तो सूर्य के समान तपना सीखिए।
-
अभ्यासप्रश्नपत्रानुसारम् कक्षा - षष्ठी तःअष्टमी पर्यन्तं खण्ड-क (अपठित-अवबोधनम्)-(8अङ्काः) प्रश्न 1.अधोलिख...
-
"सूर्यवत् उद्भासितुम् इच्छति चेत् तत् वत् तपेत् आद्यम्" अर्थात् (यदि आप) सूर्य के समान चमकना चाहते हैं तो सूर्य के समान तपना सीखिए।
-
प्रश्न 4. अधोलिखितानां वाक्यानां संस्कृतेन अनुवादं कुरुत । 1. मोर वन में नाचता है। The peacock dance in the forest. 2. हर्ष प्रतिदिन विद्य...