संस्कृत भाषा भारत की आत्मा के रूप में ,प्राण के रूप में धर्म एवं संस्कृति हैं। अनादिकाल से संस्कृत ही संस्कृति की वाहिका है।अतः संस्कृत हमारी सांस्कृतिक भाषा है।
Followers
शनिवार, 30 अप्रैल 2022
शुक्रवार, 29 अप्रैल 2022
सुभाषितम्
अद्यतनं सुभाषितम्
असतो मा सद्गमय,
तमसो मा ज्योतिर्गमय,
मृत्योर्मा अमृतं गमय।।
अर्थात् असत्य से सत्य की ओर ले चलो, अन्धकार से प्रकाश की ओर तथा मृत्यु से अमरता की ओर ले चलो।
गुरुवार, 28 अप्रैल 2022
सुभाषितम्
अद्यतनं सुभाषितम्
अभिवादनशीलस्य नित्यं वृद्धोपसेविनः।
चत्वारि तस्य वर्धन्ते आयुः विद्या यशोबलम्।।
अर्थात् बड़ों का अभिवादन करने वाले मनुष्य की और नित्य वृद्धों की सेवा करने वाले मनुष्य की आयु, विद्या,यश और बल-ये चार चीजें सदैव बढ़ती हैं।
मंगलवार, 26 अप्रैल 2022
सुभाषितम्
अद्यतनं सुभाषितम्
प्रियवाक्यप्रदानेन सर्वे तुष्यन्ति जन्तवः।
तस्मात् तदेव वक्तव्यं वचने का दरिद्रता।।
अर्थात् प्रिय वाक्य बोलने से सभी जीव प्रसन्न हो जाते हैं।मधुर वचन बोलने से पराया भी अपना हो जाता है। अतः प्रिय वचन बोलने में कंजूसी नहीं करनी चाहिए।
सोमवार, 25 अप्रैल 2022
सुभाषितम्
अद्यतनसुभाषितम्
विद्या ददाति विनयं विनयाद् याति पात्रताम्।पात्रत्वात् धनमाप्नोति धनाद्धर्मं ततः सुखम्।।
अर्थात् ज्ञान (हमें) विनम्रता प्रदान करता है,विनम्रता से योग्यता आती है (और) योग्यता से (हमें) धन प्राप्त होता है जिससे (हम )धर्म के कार्य करते हैं (और)हमें सुख मिलता है।
रविवार, 24 अप्रैल 2022
सुभाषितम्
अद्यतनसुभाषितम्
यथा चित्तं तथा वाचो यथा वाचस्तथा क्रियाः।
चित्ते वाचि क्रियायां च साधुनामेकरूपता।।
अर्थात् अच्छे लोग वहीं बात बोलते हैं जो उनके मन में होती है, अच्छे लोग जो बोलते हैं वहीं करते हैं।ऐसे पुरुषों के मन ,वचन व कर्म में समानता होती है।
सदस्यता लें
संदेश (Atom)
अद्यतन-सूक्ति
"सूर्यवत् उद्भासितुम् इच्छति चेत् तत् वत् तपेत् आद्यम्" अर्थात् (यदि आप) सूर्य के समान चमकना चाहते हैं तो सूर्य के समान तपना सीखिए।
-
अभ्यासप्रश्नपत्रानुसारम् कक्षा - षष्ठी तःअष्टमी पर्यन्तं खण्ड-क (अपठित-अवबोधनम्)-(8अङ्काः) प्रश्न 1.अधोलिख...
-
"सूर्यवत् उद्भासितुम् इच्छति चेत् तत् वत् तपेत् आद्यम्" अर्थात् (यदि आप) सूर्य के समान चमकना चाहते हैं तो सूर्य के समान तपना सीखिए।
-
प्रश्न 4. अधोलिखितानां वाक्यानां संस्कृतेन अनुवादं कुरुत । 1. मोर वन में नाचता है। The peacock dance in the forest. 2. हर्ष प्रतिदिन विद्य...