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शुक्रवार, 17 जून 2022

सुभाषितम्

 



       अद्यतनं सुभाषितम् 


        न किञ्चित् सहसा कार्यं कार्यं कार्यविदा क्वचित्।
        क्रियेत चेत् विविच्यैव तस्य श्रेयः करस्थितम्।।

         अर्थात् विद्वान् व्यक्ति को कोई भी काम अचानक नहीं करना चाहिए।यदि कोई भली प्रकार सोचकर कार्य करता है,तो सफलता उसके हाथ में रहती है।

खूब लड़ी मर्दानी 💐💐💐💐


वह तो झांसी वाली रानी थी.......

 


गुरुवार, 9 जून 2022

ॐ विष्णवे नमः



पानी अपनी इच्छा से काम नहीं करता है। माली इसको जिस पौधे पर डाल देता है,वहाँ जाता है, माली जिधर बहाता है,उधर बहता है। हमें अपना जीवन पानी की तरह बना लेना चाहिए। *अपनी सब कामनाओं व समस्याओं को मालीरूपी भगवान के हाथों सौंप कर निश्चिन्त हो जाना चाहिए।*

                   जयश्रीमन्नारायण 




रविवार, 5 जून 2022

विश्वपर्यावर्णदिवसस्य शुभकामनाः

 विश्वपर्यावर्णदिवसस्य शुभकामनाः 



सुभाषितम्

 


         अद्यतनं सुभाषितम् 

मूर्खशिष्योपदेशेन दुष्टास्त्रीभरणेन च। 

दुःखितैः सम्प्रयोगेण पण्डितोऽप्यवसीदति॥

अर्थात् मूर्ख शिष्य को पढ़ाने पर , दुष्ट स्त्री के साथ जीवन बिताने पर तथा दुःखियों- रोगियों के बीच में रहने पर विद्वान व्यक्ति भी दुःखी हो ही जाता है ।





अद्यतन-सूक्ति

  "सूर्यवत् उद्भासितुम् इच्छति चेत् तत् वत् तपेत् आद्यम्" अर्थात् (यदि आप) सूर्य के समान चमकना चाहते हैं तो सूर्य के समान तपना सीखिए।